मैं बहक न जाऊं तेरे हुस्न में कहीं, तू मुझसे मिलने पर्दा करके आया कर।
ज़िन्दा हूँ और ज़िन्दगी को जी रहा हूँ मैं, एक तेरी कमी खल रही है मुझे।
"उदास मैं अपने आप से हूँ गैरों की अब हमें परवाह नहीं।"
नादान परिंदा नहीं कि जब मन किया पिंजरे से उड़ा दिया, मैं वो बंजारा हूँ जो तुझमे हि खोकर तुझमे हि मिलता हूँ।
"हर सच बता दिया करो, किसी से इश्क़ है बता दिया करो।"
!जब मैं उसके सामने से गुजरी!!और उसे मेरी मौजूदगी का!!जऱा – सा एहसास तक ना हुआ!!
चुपके चुपके हम तेरे होते जा रहे हैं किसी के न थे।
वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे न दे सके!
सिर्फ़ तुम हो जो मेरे मन के अंदर घुस के बैठे हो, वरना click here मैं तो खामोश हि था भीड में भी।
तेरी आशिकी में कुछ ऐसा कमाल हो जाए कि मैं हद से पार हो जाऊं।
ज़हन में कैद तेरी तस्वीर रखी है, तू दूर होकर भी मेरे करीब बैठी है, जो कहते हैं मोहब्बत में दूरियां अच्छी नहीं, उनसे कह दो कि मोहब्बत में तूने पी रखी है।
तेरा जूनून इस कदर है कि तेरे सिवा कुछ और अब नहीं दिखता।
हर वक्त मिलती रहती है मुझे अनजानी सी सजा,
तेरे दुःख मै कुछ लोग, तेरे सुख में जमाना होगा!